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मैं तहीं ही हूं, तेरी याद साथ है, पस याद तेरी याद
मैं जहां रहूं, मैं तहीं ही हूं
दादर जी, आप मेरी यादम में ही नहीं, मेरे ऐसास में ही मेरे साथ हैं
कहीं तो गल में यादों की एक सूली पर जाती है
कहीं हर एक तस्वीर बहुत ही धुंदली पर जाती है
कोई नहीं दुनिया के नहीं रंगों में खुश रहता है
कोई सब कुछ पाके भी ये मन ही मन कहता है
कहने को सथ अपने एक दुनिया चलती है
पर जुकके इन दिल्मे तनहाई पती है
बस याट साथ है
तेरी याट साथ है
तेरी याट साथ है
दादाजी मुझे पता है
क्या आप मुझे दूर उन्चे तारों में चले रहे है।